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भारतीय मुस्लमान! ना घबराएँ

Originally posted 2020-07-09 19:22:05.

संपादकीय स्टाफ द्वारा

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मुसलमानों ने अपने खून से भारत की भूमि को सींचा है और एक हज़ार साल से अपनी जान को इस धरती के लिए निछावर किया है।

इस छोटे से लेख में इस्लाम्फोर्हिंदुस मुस्लिम भाइयों और बहनों को याद दिलाना चाहता है कि वे सर्वशक्तिमान अल्लाह पर अपने विश्वास और भरोसा को मजबूत करें और पैगंबर हज़रत मुहम्मद (सल्लाल्लाहू अलैहे वसल्लम) के लिए अपने प्यार और लगन को जिंदा करे । मुसलमान को चाहिए कि हमेशा अल्लाह पर अपना भरोसा रखे ।

१- क्या आपको याद है कि अल्लाह सर्वशक्तिमान ने पैगंबर हज़रत मुहम्मद (सल्लाल्लाहू अलैहे वसल्लम)  और उनके साथी हज़रत अबू बक्र अस-सिद्दीक को गुफा में मकड़ी के जाल और कबूतर के अंडों के द्वारा दुश्मनों से बचाया था क्योंकि उनके दुश्मनों ने सोचा था कि गुफा के अंदर कोई भी नहीं है वरना गुफा के दरवाजे पर अंडे और मकड़ी के जाल न होते और वहां से चल दिए जब वे दोनों गुफा के अंदर ही थे।

२- कुरान शरीफ में पैगंबर हज़रत मूसा (अलैहिस्सलाम) और फिरौन की कहानी का उल्लेख मिलता है जिसने बानी इजरायल के समुदाय के प्रत्येक पुरुष बच्चे को मारने की कोशिश की थी, लेकिन अल्लाह सर्वशक्तिमान ने पैगंबर हज़रत मूसा को फिरौन के महल में ही पलने और बढ़ने का इन्तेजाम कर दिया और वह फिरौन के घर में बड़े हुए ।

फानूस(कांच) बनकर जिसकी हिफाजत हवा करे- वो शमा क्या बुझे जिसे रौशन खुदा करे

३- कुरान शरीफ़ में हज़रत इब्राहिम (अलैहिस्सलाम) की कहानी का उल्लेख किया गया है, जिसे आग में फेंक दिया गया था, लेकिन अल्लाह सर्वशक्तिमान ने आग को आदेश दिया कि खबरदार! मेरे पैगंबर को ज़रासा भी नुकसान न पहुंचाना और उनके लिए ठंडी और शांति बन जा) और इस तरह आग बगीचे में बदल गई और पैग़म्बर हज़रत इब्राहीम बिलकुल सुरक्षित रहे  ।

आज भी हो जो इब्राहिम सा ईमान पैदा-आग कर सकती है अंदाज़े गुलिस्तां पैदा

४. याद रहे कि आपका जीवन और मृत्यु अल्लाह सर्वशक्तिमान के हाथ में है, आप अपने समय से पहले कभी नहीं मरेंगे, इसलिए सदा इस्लाम का सच्चा अनुयायी बनने का प्रयास करें । डर के कारण कभी भी हरगिज़ इस्लाम को मत छोड़ो क्योंकि विश्वास और ईमान पर मरना और मुसलमानी की हालत में अल्लाह से मिलना बिना ईमान और बिना इस्लाम  मिलने से कहीं अच्छा है ।

५-संप्रदायवादी विचार को भूल जाइए, अगर आप बरेलवी, देवबंदी, सलाफी, अहले-हदीस, तब्लीगी-जमात, दाअवत ए इस्लामी, हनफी, शाफई, हनबली, मलिकी हैं कोई बात नहीं है, आप सभी मुसलमान हैं; आप सभी ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुन रसूलुल्लाह, पढ़ते हैं और याद रखें: छोटे छोटे मतभेद या विवाद आपको अपने धर्म से बाहर नहीं निकालता है ।

६-हां, आप क़ादियानी संप्रदाय को अपने साथ नहीं मिला सकते हैं जो पैगंबर हज़रत मुहम्मद (सल्लाल्लाहू अलैहे वसल्लम) के अंतिम रसूल से इनकार कर गया और गुलाम क़दियानी को ही अपना रसूल मान लिया और इस्लाम धर्म से बाहर निकल गया।

७- असदुद्दीन ओवैसी या उनके ही तरीके पर चलने किसी मुस्लिम राजनेता का समर्थन करें और साथ दें और उन्हें मजबूत बनाएं । 

८- विवादी मुद्दों पर धार्मिक बहसों से बचने का प्रयास करें, और उन विद्वानों का बहिष्कार करें जो हमेशा मुनज़राह या छोटे मुद्दों पर बहस करते हैं और मुसलमानों को फ़िरकों में बांटते हैं । आज की दुनिया में लोग अपनी आस्था, संस्कृति और विचारधारा में बुनियादी विवादों के बावजूद एकजुट हो रहे हैं जबकि मुसलमान संप्रदायों में बंटे हुए हैं, बावजूद इसके कि वे सभी एक ही धर्म, आस्था और संस्कृति के  माननेवाले हैं और एक ही कलिमा पढ़ते हैं ।

९-अपने बच्चों और बच्चियों को पढ़ाने की कोशिश करें; बेटे और बेटियों को कुरान पढ़ना सिखाएं और उन्हें पैगंबर हज़रत मुहम्मद (सल्लाल्लाहू अलैहे वसल्लम) की कुछ हदीस अनुवाद के साथ याद करवाएं और उन्हें इस्लामी आस्था की मूल बातें सिखा दें ।

१०-अपने परिवार के सदस्यों को धर्मनिरपेक्ष और सांसारिक विज्ञानों से शिक्षित करने का प्रयास करें, कभी भी, अपने बच्चों; बेटे और बेटियां को अनपढ़ या अशिक्षित हरगिज़ न छोड़ें । अपने देश के सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शैक्षिक केंद्रों का लाभ उठाएं और यह आपका संवैधानिक अधिकार है । आपको महसूस होना चाहिए कि शिक्षा जीवन है और अशिक्षा मृत्यु है । दुश्मन हमेशा आपको शिक्षा से वंचित रखने की कोशिश करते हैं। जब आप शिक्षा से वंचित रह जाते हैं तो फिर आप सदा के लिए हार जाते हैं और गरीबी हमेशा के लिए आपकी तकदीर बन जाएगी ।

११. नवीनतम तकनीक का शैक्षिक उद्देश्यों और सीखने के लक्ष्यों में उपयोग करें; बुरी और बेकार गतिविधियों में उनका उपयोग न करें और समय बर्बाद न करें ।

१२. भारत की अभी की स्थिति के बारे में सावधान रहें जब आप ट्रेनों या बसों में लंबी यात्रा कर रहे हों या जब आप हिंदुओं के बहुमत में जाना चाहते हों तो विशेष रूप से उन क्षेत्रों को जाने से बचें  जहां अनपढ़ हिन्दू लोग हें क्योंकि खुले आम मार-दहाड़ के मामले अनपढ़ और अशिक्षित समुदायों में अधिक होते हैं जो बेरोजगार और गरीब होते हैं और पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं गरीबी के कारण उनका जीवन और मृत्यु उनके लिए समान है, यदि वे जीवित हैं तो कोई फायदा नहीं और अगर वे मर भी गए तो कोई नुकसान नहीं । वे आसानी से चरम विचार या किसी भी विचारधारा का आँख बंद करके पालन करने के लिए तयार हो जाते हैं और झूटे धर्म गुरुओं के जाल में फँस जाते हैं ।

१३. उन अनपढ़ हिन्दुओं के साथ बहस करने से बचने की कोशिश करें, जिनके दिमागों नफरत का ज़हर घुला है । लेकिन अगर आप ऐसी स्थिति में फंस जाएँ, तो पुलिस को ज़रूर फोन करें, या इमरजेंसी नंबर मिला दें । यह पुलिस का कर्तव्य है कि वह विश्वास, जाति या धर्म को अलग रख कर लोगों की रक्षा करे ।

You can help by calling the police

१४-अपने राजनीतिक नेता को प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपने की अपील करने की कोशिश करें, जो प्रधानमंत्री को पिछले के ज़ुल्म और ह्त्या भीड़ में मुस्लमान को जान से मारने की घटनाओं को याद दिलाऐं और उन्हें देश भर के पुलिस विभागों को निर्देश जारी करने की मांग करें ताकि पुलिस लोगों की सुरक्षा करने की कोशिश करें और अपराधियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए । भारत का नाम और काम लोगों के एक छोटे समूह; हिन्दू आतंकवादी द्वारा नष्ट किया जा रहा है और भारत को पूरी दुनिया में बदनाम किया जा रहा है । अब, हर अपराध को मिनटों में पूरी दुनिया में देखा और फैलाया जाता है, और ऐसे कितने वीडियोज सामने अचुके हैं और वीडियोज को देखकर दुनियाभर के लोगों को शक होने लगता है कि क्या यह मनुष्यों का ही देश है ।

१४-अगर आपका कोई मुस्लमान भाई या बहन; या कोई गैरमुस्लिम निर्दोष, किसी इंसान पर हिन्दू अशिक्षितों या हिन्दू आतंकवादियों द्वारा हमला हो जाता है, तो चुप न रहें, बल्कि, अपने भाई और बहन का बचाव करें और एक निर्दोष को इन जानवरों और दरिंदों के हाथों पर असहाय मरते न छोड़ें । कम से कम आप पुलिस को कॉल करके उन्हें चल रही घटना के बारे में सूचित कर सकते हैं । लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस को सरकार के खजाने से पैसे दिए जाते हैं । आज की दुनिया में तो लोग बचाने की बजाय मरते हुए का खड़े होकर आराम से वीडियो बनाते हैं और रिकॉर्ड करने में लगे रहते हैं जबकि उनके भाई या बहन को दिन के उजाले में पीटा जाता है या मार दिया जाता है । इन दिनों लोग इतने कायर क्यों हो गए हैं? रक्षा और हस्तक्षेप करने की हिम्मत क्यों नहीं करते? यदि भीड़ में से दो तीन हिम्मत वाले खड़े हो जाएं तो अनपढ़ हिन्दू आतंकवादी जोते चप्पल छोड़ कर भाग खड़े होंगे । यदि आप डटते हैं और मर भी जाते हैं तो आप शहीद होंगे और मरने के बाद भी बहादुरी से याद किए जाएंगे ।

१५. मुझे विश्वास है कि यदि मुस्लिम समुदाय का प्रत्येक आदमी इन सलाह को सही ढंग से लागू कर ले तो वे फिर से भारत को अपने और दूसरों के लिए स्वर्ग बना सकते हैं, और लोग भारत के कोने कोने में सुरक्षा और संरक्षा महसूस करेंगे, और अनिवासी भारतीय अपने प्रिय देश में आने की इच्छा रखेंगे और अपने घर के प्राकृतिक और मिलीजुली हवापानी का आनंद लेने के लिए सफर करके अपने देश को आयेंगे और समय बिताएंगे ।